दुर्गा-पूजा, नवरात्रे, दशहरा और साँझी!

दुर्गा-पूजा, नवरात्रे, दशहरा और साँझी! (देशज त्यौहार बनाम विदेशज त्यौहार) विशेष: इस लेख का उद्देश्य हरयाणवी मूल के नागरिकों को उनके अपने देशज त्यौहार बारे बताना है। मुझे किसी त्यौहार और किसी की श्रद्धा...

“तुम पगड़ी बांधे फिरते हो और वहां शाहदरा के झाऊओं में तुम्हारे पिता की पगड़ी उल्टी पड़ी है!” – महारानी किशोरी देवी

एक जीत, सम्मान, शौर्य और प्रतापी तेज की भूखी शेरनी जाटनी का यही वो तान्ना था जिसने उनके सुपुत्र महाराजा जवाहर सिंह को भारतेंदु बना दिया| यही वो रूदन था जिसको सुन अपने पिता...

सम-गोत में विवाह निषेधता, छज्जे-छज्जे का तथाकथित प्यार और आन-बान-शान!

सम-गोत में विवाह निषेधता: सम-गोत विवाह निषेधता वंशानुगत थैलीसीमिया की बीमारी से बचने के लिए व् “एक गोत के खेड़े” में लिंग-समानता की थ्योरी को कायम व् पोषित रखने के लिए है| पश्चिमी बंगाल...